बताते हैं, बडा कार्यक्रम था। बहुत बडा कार्यक्रम था। बहुत भीड थी। बडी सङ्ख्या में लोग आये
थे। सत्तर-अस्सी लोग तो हाल से बाहर तक ही
थे। बडा आयोजन था। बहुत बडा आयोजन था। बडे-बडे हर्फ़ों में, बहुत बडे-बडे लफ़्जों में
अखबारों में आया है। आता भी क्यों नहीं, बडे-बडे लोग आये थे तो अखबार वालों ने भी बडा-बडा करके
छापा, बडे दिल
से छापा। बडे लोग हैं तो बडे आयोजन हैं। बडे आयोजन हैं तो बडी कवरेज है। बडी कवरेज
है क्योंकि बडे अखबार हैं, बडे-बडे अखबार हैं, बडे-बडे लोगों के अखबार हैं, बडे-बडे लोगों के लिये अखबार हैं।
बडे-बडे लोग हैं तो छोटे लोगों को चिन्ता करने की क्या पडी है! बडे लोग छोटे लोगों
को नहीं भूलते क्योंकि हमें चिन्ता नहीं उनकी, उन्हें चिन्ता हमारी है। बडे लोग
तो भगवान की तरह होते हैं और छोटे लोग इंसान की तरह। बताते हैं प्रगतिशील लोग कि पहले
इंसान ने ईश्वर का अस्तित्व बनाया, बाद में ईश्वर को अपना अस्तित्व बनाये रखने के इंसानों के आसरे
रहना पड रहा है। बडे-बडे लोग छोटे-छोटे लोगों के नाम पर ही अखबारों में छपते हैं और
बडे बनते हैं। वक़्त-जरूरत नामजाप ही काम आता है। छोटे लोगों के अखबार नहीं होते,
छोटे लोग अखबारों के
लिये नहीं होते। वे बडे लोगों के प्रकाशनार्थ अखबारों की सामग्री के लिये होते हैं।
अखबार वाले सत्ताप्रतिष्ठानों के लिये पण्डा-पुरोहित का काम करते हैं। सत्ता तक पहुंचने
का रास्ता जनता के दरवाजे से ही होकर जाता है इसीलिये जनवादी होना ही पडेगा। मरता क्या
न करता! निर्जनवादी को भी जनवादी होना पडेगा, अगर सत्ताप्रतिष्ठान तक जाना है,
सज्जनवादी बोल बोलने
होंगे अगर अखबार में आना है। बडे-बडे लोग बडे-बडे आयोजन निर्जन में नहीं कर सकते :
एसी वाले लोग अपनी ऐसी-तैसी कैसे करा लें। देह और मन की माया ही ऐसी है। एक कथाव्यास
को माया-मोह पर प्रवचन करते सुना था। दैहिक सुखों की भर्त्सना करते हुए उन्होंने एक
भृत्य को बुला के कहा था कि एसी आज कूलिङ्ग कम कैसे कर रहा है। जनता पर भाषण देने वाले
जनता का जीवन दो दिन नहीं जी सकते। लेकिन क्या करें! अपनी दाल तो गलानी ही है,
कविताओ में जनता की
छौंक तो लगानी ही है क्योंकि फोटो अखबार में छपानी है : वैसे तो कोई सुनता-गुनता नहीं
सा'ब! तो फिर
डटे रहो लाल लिक्खाडों। थाली में छेद करके बनाये रहो बङ्गू। बडों के इशारों पर तो बडे-बडे
नाचते हैं, हमारी बिसात ही क्या। हम छोटे लोग आखिर हैं ही किस खेत के बथुए...
Dr. Rahul Awasthi
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