Friday, 25 April 2014

नाच न आवे

 
सचमुच 
बड़ी कठिनाई है 
कैसी साइत आयी है 
किसे सुनाएँ  कहाँ जाएँ  
 
एक ही सी.डी. चल रही है
एक ही धुन धुनधुना रही है
एक ही राग बजाया-गाया जा रहा है
मोदी मोदी मोदी मोदी : नमो नमो नमो नमो
 
मायावती आती हैं
आते ही फ़रमाती हैं
मोदी आयेंगे तो भूचाल लायेंगे
करायेंगे दङ्गे-दर-दङ्गे : हर-हर गङ्गे
 
सोनिया दीखती हैं
पूरी ताक़त से चीखती हैं
हमारा क़ुनबा ही पीएम लाइक है
अरे ये नरेन्द्र मोदी तो साम्प्रदायिक है
 
शाहजादे गुर्राते हैं
मोदी थोथे नारे लगाते हैं
गुजरातमाडल का गुब्बारा फूटेगा
राहुल भाई, आपका भी भ्रम टूटेगा
 
मौनी बाबा मिमियाते हैं
बडे अर्थभरे स्वर में बताते हैं
मैडम की बात सोलह आने सही है
बाश्शाओ, नरेन्द्र मोदी की कोई लहर नहीं है
 
लीडर--आजम आपा खोते हैं
मुसलमानों की हालत पर रोते हैं
मोदी का बोझ उनकी भी आत्मा ढोती है
जिनके लिये शहादत भी हिन्दू-मुसलमान होती है
 
सियासी बीज बोते हैं
मुलायम भी कठोर होते हैं
अल्पसङ्ख्यकों को निराधार लुभायेंगे
मुसलमानों को हर सम्भव आरक्षण दिलवायेंगे
उत्तर प्रदेश को कैसे भी गुजरात नहीं बनवा पायेंगे
नरेन्द्र मोदी को रोकने के लिये पूरी ताक़त लगायेंगे
 
लालू हो या दिग्गी
केजरी हो या येचुरी
जदयू हो या राक्रांपा
जयललिता हो या ममता
कोई भी हो, सबका यही हाल है
अपनी-अपनी इज्जत का सवाल है
 
यदि मोदी ने व्यर्थ का श्रेय लिया
तो आप ही बताएं, आपने क्या किया
मोदी की बढवार पर यूं बेकार मर रहे हैं
अरे, आप तो खुद मोदी का प्रचार कर रहे हैं
 
जब मोदीलहर कोई मुद्दा ही नहीं है
कुछ गलत नहीं है, सब सही ही सही है
इसके बाद भी तनाव-दुराव की गर्द जमी है
लगता है आपका दिल कहीं और दिमाग कहीं है
 
मोदी के कारण गुजरात ने कडवा घूंट पिया
तो मुजफ़्फ़रनगर किसके काल में घुट-घुट कर जिया
सिक्खविरोधी दङ्गों का दारुण दंश देश को किसने दिया
आजादी से अब तक भारतमाता का दामन तार-तार किसने किया
 
आपको मानती है
लेकिन करती वही है, जो ठानती है
अन्दर क्या है, बाहर क्या है : ये सबकुछ पहचानती है
देखो दुर्वच नेताओ, इतना मत समझाओ : ये पब्लिक है, ये सब जानती है


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