Sunday, 16 November 2014

शान्ति-व्यवस्था की खातिर


































जो जैसा जिस क़ाबिल था, उसको उस घाट उतारा है
गोरी को पृथ्वी ने उसके घर में जा कर मारा है



















शिशुपालों पर चक्र चलाना कृष्णों की मजबूरी है
शान्ति-व्यवस्था की खातिर सार्थक सङ्ग्राम जरूरी है


















@  डा० राहुल अवस्थी
@ सृजन कवि सम्मेलन, उन्नाव। १५ नवम्बर २०१४
@ चित्र-सौजन्य : विश्वनाथ तिवारी विशु

















 
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