जिनके कि नाम से सुबह होती सीमा पर, नाम पे ही ढलती सदैव हर शाम है
जिनके प्रताप का दमक रहा सूर्य आज, तप का चमक रहा चन्द्र आठों याम है
जिनके कि यश का बखान काल करता है, कीर्तिकेतु फहरता ललित ललाम है
युद्ध से जो एक लाख शत्रु बन्दी कर लाये, उन युद्धवीरों-रणधीरों को प्रणाम है
@ डा० राहुल अवस्थी @ एक शाम : वीरों के नाम @ साइंस सिटी : प्रभात खबर, कोलकाता
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