Wednesday, 3 September 2014

शीश कट जाते किन्तु झुकते नहीं हैं क्यों





















सर ले गये शहीद सैनिकों का वैरी, ऐसा जानने को - डर के ये लुकते नहीं हैं क्यों
चूकता नहीं है क्यों निशाना इनका कदापि  धैर्य, शौर्य, साहस से चुकते नहीं हैं क्यों
चल पडते हैं एक बार को किसीलिये तो मञ्जिल को पाने तक रुकते नहीं हैं क्यों
जानना जरूरी है ये हिन्दुस्तानी सैनिकों के शीश कट जाते किन्तु झुकते नहीं हैं क्यों

@ डा० राहुल अवस्थी
एक शाम : वीरों के नाम @ साइंस सिटी : प्रभात खबर, कोलकाता
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